रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण लकवाग्रस्त एक मरीज ने एक अभिनव स्टेम सेल उपचार के बाद खड़े होने और शुरुआती कदम उठाने की क्षमता हासिल कर ली है। टोक्यो के केओ विश्वविद्यालय द्वारा किए गए इस अध्ययन में दिसंबर 2021 और 2023 के बीच गंभीर रीढ़ की हड्डी की चोट वाले चार पुरुष रोगियों में दाता कोशिकाओं से प्राप्त तंत्रिका स्टेम कोशिकाओं का प्रत्यारोपण शामिल था। दो रोगियों ने महत्वपूर्ण प्रगति दिखाई: एक अब खड़े होने और चलने का अभ्यास करने में सक्षम है, जबकि दूसरे ने अपने हाथों और पैरों में गतिशीलता हासिल कर ली है। अन्य दो रोगियों में कोई प्रतिकूल दुष्प्रभाव नहीं देखा गया, जिससे थेरेपी की सुरक्षा का पता चलता है। 2019 में शुरू हुआ यह शोध स्थायी रीढ़ की हड्डी के नुकसान की मरम्मत के लिए पुन: प्रोग्राम किए गए स्टेम कोशिकाओं के उपयोग पर केंद्रित है। शोधकर्ताओं ने दो मिलियन तंत्रिका पूर्ववर्ती कोशिकाओं को सीधे चोट स्थल पर इंजेक्ट किया। ये कोशिकाएं न्यूरॉन्स और ग्लियल कोशिकाओं में बदल सकती हैं, जो तंत्रिका तंत्र के कार्य के लिए आवश्यक हैं। अध्ययन के प्रमुख लेखक हिदेयुकी ओकानो ने बाधित तंत्रिका सर्किट को बहाल करने और क्षतिग्रस्त तंत्रिका संरचनाओं की मरम्मत करने की क्षमता पर प्रकाश डाला।
केओ विश्वविद्यालय के अध्ययन में स्टेम सेल थेरेपी से लकवाग्रस्त मरीज खड़ा हो पाया और चल सका
Edited by: Elena HealthEnergy
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