वैज्ञानिकों ने मानव मस्तिष्क की हमारी समझ में क्रांति ला सकती एक नई खोज की घोषणा की है। यह अभूतपूर्व खोज तंत्रिका संबंधी रोगों के लिए नए उपचारों का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। 'साइंस' जर्नल में प्रकाशित अध्ययन का नेतृत्व कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट की प्रोफेसर मार्टिना बैटलेरनी ने किया। शोधकर्ताओं ने हिप्पोकैम्पस में 100,000 से अधिक कोशिकाओं का विश्लेषण करने के लिए 'राइबोसोम प्रोफाइलिंग' नामक एक तकनीक का उपयोग किया, जो स्मृति, सीखने और भावनाओं के लिए जिम्मेदार है। परिणामों से पहले अज्ञात मस्तिष्क कोशिकाओं और 13 से 78 वर्ष की आयु के व्यक्तियों के मस्तिष्क में अन्य मस्तिष्क कोशिकाओं में बदलने में सक्षम विशेष कोशिकाओं के अस्तित्व का पता चला। यह खोज वयस्क मस्तिष्क में इन विशेष कोशिकाओं की पहली पहचान है, जो नए उपचारों को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। स्वास्थ्य और सुरक्षा के दृष्टिकोण से, यह खोज विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। भारत में, तंत्रिका संबंधी रोग एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती हैं, जिसमें स्ट्रोक, पार्किंसंस रोग, और अल्जाइमर रोग जैसी स्थितियाँ शामिल हैं। इन बीमारियों के लिए नए और प्रभावी उपचारों की तत्काल आवश्यकता है। यह खोज इन बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा में सुधार करने का वादा करती है। यह खोज विशेष रूप से आशाजनक है क्योंकि इसने 13 से 78 वर्ष की आयु के व्यक्तियों में अन्य मस्तिष्क कोशिकाओं में बदलने में सक्षम विशेष कोशिकाओं की पहचान की है। वयस्क मस्तिष्क में यह पहली ऐसी खोज है, जो नई पुनर्जनन चिकित्सा विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने तंत्रिका संबंधी रोगों के अनुसंधान और उपचार को बढ़ावा देने के लिए कई पहल शुरू की हैं, जिसमें राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम और विभिन्न अनुसंधान अनुदान शामिल हैं। यह खोज इन प्रयासों को और बढ़ावा दे सकती है और भारत में तंत्रिका संबंधी रोगों से पीड़ित लाखों लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
नई मस्तिष्क कोशिका खोज: तंत्रिका संबंधी रोगों के उपचार में एक ऐतिहासिक मोड़ - स्वास्थ्य और सुरक्षा परिप्रेक्ष्य
द्वारा संपादित: Dmitry Drozd
स्रोतों
http://www.elbilad.net
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