बुधवार को एक दर्जन अमेरिकी राज्यों ने राष्ट्रपति ट्रम्प के प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर किया। मुकदमे में अमेरिकियों पर लगाए गए टैरिफ की वैधता को चुनौती दी गई है। राज्यों का तर्क है कि ये टैरिफ अवैध कर वृद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं।
राज्यों का तर्क है कि ट्रम्प द्वारा अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियाँ अधिनियम (IEEPA) का उपयोग असंवैधानिक है। उनका दावा है कि यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बाधित करता है। IEEPA राष्ट्रपति को असामान्य और असाधारण खतरों के दौरान अधिकार प्रदान करता है।
मुकदमे में टैरिफ को रोकने के लिए अदालत के आदेश की मांग की गई है। इसमें तर्क दिया गया है कि कांग्रेस ने कभी भी IEEPA का उपयोग टैरिफ के लिए करने का इरादा नहीं किया था। इसमें शामिल राज्य एरिज़ोना, कोलोराडो, कनेक्टिकट, डेलावेयर, इलिनोइस, मेन, मिनेसोटा, नेवादा, न्यू मैक्सिको, न्यूयॉर्क, ओरेगन और वर्मोंट हैं।
मुकदमे में प्रकाश डाला गया है कि IEEPA के अधिनियमन के बाद से पांच दशकों में किसी अन्य राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय आपातकाल के आधार पर टैरिफ नहीं लगाया है। यह कानूनी कार्रवाई ट्रम्प प्रशासन के टैरिफ को चुनौती देने वालों में शामिल है। इनमें छोटे व्यवसायों और नागरिक अधिकार समूहों के मुकदमे शामिल हैं।
न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स ने कहा कि टैरिफ से मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और आर्थिक नुकसान होगा। मुकदमा न्यूयॉर्क में अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में दायर किया गया था। इसमें आगामी पारस्परिक टैरिफ को रोकने की भी मांग की गई है।