यूक्रेन संघर्ष के बीच रूस और उत्तरी कोरिया के बढ़ते संबंध: एक सामाजिक-मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य

द्वारा संपादित: Татьяна Гуринович

रूस और उत्तरी कोरिया के बीच बढ़ते संबंधों को लेकर सामाजिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से कई चिंताएं हैं। 12 जुलाई, 2025 को उत्तरी कोरियाई नेता किम जोंग उन ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से वॉनसन, उत्तरी कोरिया में मुलाकात की। इस बैठक में प्योंगयांग ने यूक्रेन में रूस की कार्रवाइयों के लिए अपना समर्थन दोहराया। यह घटनाक्रम लोगों के मन में कई सवाल खड़े करता है कि इस गठबंधन का सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव क्या होगा। लोगों की धारणाएं, भावनाएं और व्यवहार इस गठबंधन से कैसे प्रभावित होंगे, यह जानना महत्वपूर्ण है। एक सामाजिक-मनोवैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, जब दो देशों के बीच संबंध मजबूत होते हैं, तो उन देशों के नागरिकों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग की भावना बढ़ सकती है। हालाँकि, अगर इन संबंधों को अन्य देशों के लिए खतरे के रूप में देखा जाता है, तो यह डर और अविश्वास को भी जन्म दे सकता है। उत्तरी कोरिया और रूस के बीच बढ़ते सैन्य और राजनीतिक संबंध, खासकर यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में, वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बन गए हैं। दक्षिण कोरिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान ने 11 जुलाई, 2025 को जेजू द्वीप के पास एक संयुक्त हवाई ड्रिल का आयोजन किया, जो इस गठबंधन के प्रति उनकी प्रतिक्रिया को दर्शाता है। इस तरह की सैन्य गतिविधियाँ लोगों में तनाव और असुरक्षा की भावना पैदा कर सकती हैं। मनोवैज्ञानिक रूप से, युद्ध और संघर्ष की आशंका लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जिससे चिंता, अवसाद और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, मीडिया और राजनीतिक बयानबाजी भी लोगों की धारणाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि मीडिया लगातार रूस और उत्तरी कोरिया के गठबंधन को एक खतरे के रूप में चित्रित करता है, तो लोगों में डर और अविश्वास की भावना बढ़ सकती है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि मीडिया संतुलित और निष्पक्ष जानकारी प्रदान करे ताकि लोग सही निर्णय ले सकें। सामाजिक स्तर पर, इस गठबंधन का प्रभाव विभिन्न समुदायों में अलग-अलग हो सकता है। उदाहरण के लिए, जो लोग रूस या उत्तरी कोरिया के साथ सांस्कृतिक या ऐतिहासिक संबंध रखते हैं, वे इस गठबंधन को सकारात्मक रूप से देख सकते हैं, जबकि अन्य इसे नकारात्मक रूप से देख सकते हैं। अंत में, रूस और उत्तरी कोरिया के बीच बढ़ते संबंधों का सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव जटिल और बहुआयामी है। लोगों की धारणाओं, भावनाओं और व्यवहार को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। यह महत्वपूर्ण है कि सरकारें, मीडिया और नागरिक समाज मिलकर काम करें ताकि लोगों को सही जानकारी मिल सके और वे सही निर्णय ले सकें।

स्रोतों

  • Deutsche Welle

  • Al Jazeera

  • Korea JoongAng Daily

  • Kyiv Independent

  • UPI

  • The Guardian

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