कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक एआई-संचालित इम्प्लांट विकसित किया है जो विचारों को भाषण में बदल देता है।
यह तकनीक भाषण से जुड़े तंत्रिका संकेतों को डिकोड करने के लिए ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस का उपयोग करती है।
इस इम्प्लांट ने एक चतुष्plegic महिला को लगभग तुरंत संवाद करने में सक्षम बनाया।
सिस्टम व्यक्तिगत आवाज प्रतिकृति का उपयोग करता है, जो रोगी की स्थिति से पहले की गई रिकॉर्डिंग से निर्मित है।