हाल के वर्षों में, जल से लिथियम निष्कर्षण के लिए नई तकनीकों का विकास हुआ है, जो भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
अर्जेंटीना के साल्ट फ्लैट्स में फ्रांसीसी खनन कंपनी एरेमेट ने एक नई डायरेक्ट लिथियम निष्कर्षण (DLE) तकनीक का परीक्षण शुरू किया है, जो पारंपरिक वाष्पीकरण विधियों की तुलना में तेज, स्वच्छ और सस्ती लिथियम उत्पादन की संभावना प्रदान करती है। इस तकनीक में बड़े वाष्पीकरण तालाबों की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि एक सोर्बेंट सामग्री का उपयोग किया जाता है जो जल से लिथियम को अवशोषित करती है।
इसके अलावा, राइस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक नवीन इलेक्ट्रोकेमिकल रिएक्टर विकसित किया है, जो प्राकृतिक जल समाधानों से लिथियम निष्कर्षण की प्रक्रिया को अधिक कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बनाता है। इस रिएक्टर में एक मध्य कक्ष होता है, जिसमें एक पारगम्य ठोस इलेक्ट्रोलाइट होता है, जो आयन प्रवाह को नियंत्रित करता है और अवांछित प्रतिक्रियाओं को रोकता है।
इन विकासों के साथ, भारत के लिए जल से लिथियम निष्कर्षण की नई तकनीकों को अपनाना संभावित रूप से ईवी बैटरी उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।