सीडर्स-सिनाई मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने एक चिप पर एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) का एक मॉडल विकसित किया है। यह नवीन मॉडल एएलएस रोगियों से प्राप्त स्टेम कोशिकाओं का उपयोग करता है। यह एक नियंत्रित वातावरण में बीमारी के अध्ययन की अनुमति देता है।
डॉ. क्लाइव स्वेनसेन के नेतृत्व वाली टीम ने एएलएस रोगियों से रक्त कोशिकाओं को प्रेरित प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाओं (आईपीएससी) में पुन: प्रोग्राम किया। इन आईपीएससी को फिर मोटर न्यूरॉन्स में विभेदित किया गया। इन न्यूरॉन्स को माइक्रो-डिज़ाइन किए गए चिप्स के ऊपरी चैनलों में डाला गया था।
शोधकर्ताओं ने एएलएस रोगियों के मोटर न्यूरॉन्स और स्वस्थ व्यक्तियों के मोटर न्यूरॉन्स में विशिष्ट अंतर देखे। एक प्रमुख खोज ग्लूटामेट सिग्नलिंग में बदलाव है, जो एक उत्तेजक न्यूरोट्रांसमीटर है। अत्यधिक ग्लूटामेट रिलीज को एएलएस का एक संभावित कारण माना जाता है।
ये उन्नत मॉडल एएलएस के शुरुआती चरणों की गहरी समझ प्रदान करते हैं। शोधकर्ता नैदानिक परीक्षणों का अनुकरण करने के लिए चिप के रक्त वाहिका पक्ष पर दवाएं लगाने की उम्मीद करते हैं। ये प्रयोग पहले से ही चल रहे हैं।
यह प्रगति अन्य हालिया एएलएस अनुसंधान प्रयासों का पूरक है। नवंबर 2024 में, आंसर एएलएस और सीडर्स-सिनाई ने एएलएस रोगियों से स्टेम कोशिकाओं और जैविक डेटा का सबसे बड़ा डेटाबेस बनाने की घोषणा की। यह सहयोग दुनिया भर के शोधकर्ताओं के लिए एक अभूतपूर्व संसाधन प्रदान करता है।