ब्राउन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दृष्टि बहाली में एक महत्वपूर्ण प्रगति की है, यह प्रदर्शित करते हुए कि अवरक्त प्रकाश द्वारा सक्रिय स्वर्ण नैनोपार्टिकल्स, अपक्षयी रेटिनल विकारों वाले चूहों की दृष्टि को बहाल कर सकते हैं। यह अभिनव तकनीक पारंपरिक रेटिनल प्रोस्थेसिस का एक कम आक्रामक विकल्प प्रदान करती है।
इस विधि में स्वर्ण नैनोपार्टिकल्स को रेटिना में इंजेक्ट करना शामिल है। जब अवरक्त प्रकाश से उत्तेजित किया जाता है, तो ये नैनोपार्टिकल्स गर्मी उत्पन्न करते हैं, जो तब आंतरिक रेटिनल कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं, जिससे वे मस्तिष्क को दृश्य जानकारी प्रसारित करने में सक्षम होते हैं। यह क्षतिग्रस्त फोटो रिसेप्टर्स को बायपास करता है, जो मैकुलर डिजनरेशन और रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा जैसे रोगों में दृष्टि हानि का प्राथमिक कारण हैं।
रेटिनल विकारों वाले चूहों पर किए गए प्रयोगों से पता चला कि इंजेक्ट किए गए नैनोपार्टिकल्स स्थिर रहे और उन्होंने विषाक्त प्रभाव नहीं डाला। मस्तिष्क गतिविधि विश्लेषण ने पुष्टि की कि नैनोपार्टिकल्स के लेजर उत्तेजना से दृश्य धारणा हुई। शोधकर्ताओं ने अप्रैल 2025 में ACS Nano पत्रिका में अपने निष्कर्ष प्रकाशित किए। यह दृष्टिकोण दृष्टि हानि के लिए एक कम आक्रामक उपचार का वादा करता है, जो संभावित रूप से रेटिनल अपक्षयी स्थितियों के इलाज के तरीके को बदल सकता है।