ब्राजील में अति-अमीरों पर कर लगाने का भविष्य: परिदृश्य और पूर्वानुमान

द्वारा संपादित: Elena Weismann

ब्राजील में राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा की सरकार द्वारा अति-अमीरों पर कर लगाने के अभियान का भविष्य कई संभावित परिदृश्यों से भरा है। एक आशावादी परिदृश्य यह है कि कर न्याय के लिए सरकार का अभियान सफल होता है, जिससे धनी लोग अधिक करों का भुगतान करने के लिए सहमत होते हैं, जिससे सामाजिक असमानता कम होती है और सार्वजनिक सेवाओं के लिए धन बढ़ता है। उदाहरण के लिए, अगर सरकार करों से अतिरिक्त राजस्व का उपयोग शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में निवेश करने के लिए करती है, तो इससे दीर्घकालिक आर्थिक विकास हो सकता है। एक निराशावादी परिदृश्य यह है कि धनी लोग करों से बचने के तरीके खोजते हैं, जैसे कि अपनी संपत्ति को विदेशों में स्थानांतरित करना या कर आश्रयों का उपयोग करना। इससे सरकार के राजस्व में कमी हो सकती है और सामाजिक असमानता बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, 2017 में, पनामा पेपर्स के खुलासे से पता चला कि कैसे कई धनी लोगों ने करों से बचने के लिए अपतटीय खातों का उपयोग किया। एक अन्य परिदृश्य यह है कि सरकार और धनी लोगों के बीच एक समझौता होता है, जिसमें धनी लोग कुछ अतिरिक्त करों का भुगतान करने के लिए सहमत होते हैं, लेकिन सरकार उन्हें कुछ कर रियायतें देती है। उदाहरण के लिए, सरकार धनी लोगों को कुछ प्रकार की निवेश आय पर कर छूट दे सकती है। भविष्य में, ब्राजील में अति-अमीरों पर कर लगाने का अभियान देश के आर्थिक और सामाजिक विकास को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। यह देखना बाकी है कि कौन सा परिदृश्य सबसे अधिक संभावित है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर आने वाले वर्षों में ध्यान दिया जाएगा। ब्राजील के केंद्रीय बैंक के अनुसार, देश की शीर्ष 1% आबादी के पास कुल राष्ट्रीय संपत्ति का लगभग 49% है, जो दुनिया में सबसे अधिक असमानताओं में से एक है। इसलिए, कर सुधारों का भविष्य ब्राजील के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।

स्रोतों

  • ND

  • Folha de S.Paulo

  • Poder360

  • UOL Notícias

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