अमेरिका द्वारा कनाडा से आयात पर 35% टैरिफ लगाने का युवा पीढ़ी पर गहरा असर पड़ेगा। 10 जुलाई, 2025 को घोषित यह टैरिफ 1 अगस्त, 2025 से लागू होगा, जिससे युवाओं के भविष्य पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। युवा पीढ़ी, जो शिक्षा और रोजगार के लिए अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर निर्भर है, इस फैसले से चिंतित है। एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, 70% युवा मानते हैं कि इस टैरिफ से उनके करियर के अवसरों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कनाडा में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को अब अधिक ट्यूशन फीस और रहने के खर्च का सामना करना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, जो युवा कनाडा में नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उनके लिए भी प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी, क्योंकि कंपनियाँ लागत कम करने के लिए भर्ती में कटौती कर सकती हैं। हालांकि, कुछ युवाओं का मानना है कि यह टैरिफ भारत के लिए नए अवसर खोल सकता है। वे मानते हैं कि भारतीय कंपनियाँ अब कनाडा के बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकती हैं, जिससे भारत में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके अलावा, यह टैरिफ भारत को आत्मनिर्भर बनने और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रेरित कर सकता है। युवा उद्यमियों को नए व्यवसाय शुरू करने और नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि वे वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकें। युवा पीढ़ी को इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। उन्हें अपनी शिक्षा और कौशल को बेहतर बनाने, नए अवसरों की तलाश करने और आत्मनिर्भर बनने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। सरकार और शिक्षा संस्थानों को युवाओं को सहायता प्रदान करने के लिए मिलकर काम करना होगा, ताकि वे इस मुश्किल समय में सफल हो सकें। यह टैरिफ युवाओं के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन यह उन्हें मजबूत और अधिक आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी प्रदान करता है।
अमेरिकी टैरिफ: युवा पीढ़ी पर प्रभाव और भविष्य की राह
द्वारा संपादित: Elena Weismann
स्रोतों
The Daily Star
Reuters
AP News
CNBC
Reuters
CBC News
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