26 जून, 2025 को, भारतीय शेयर बाजार में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जिसमें S&P BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी 50 दोनों ही अक्टूबर 2024 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। यह सकारात्मक रुझान बेहतर वैश्विक निवेशक भावना और मजबूत घरेलू समर्थन को दर्शाता है। (स्रोत: निर्दिष्ट नहीं)
सेंसेक्स 1,003 अंक (1.21%) बढ़कर 83,759 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 में 304 अंक (1.21%) की वृद्धि हुई, जो 25,549 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक इंडेक्स 57,076 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। बाजार सितंबर 2024 में बनाए गए अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से लगभग 2.3% नीचे है।
प्रमुख चालकों में इजराइल और ईरान के बीच युद्धविराम के बाद भू-राजनीतिक तनाव में कमी, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और अमेरिकी डॉलर का कमजोर होना शामिल है। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने विदेशी बिकवाली को ऑफसेट करते हुए पर्याप्त समर्थन प्रदान किया। भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.70 पर मजबूत हुआ।
निफ्टी मेटल इंडेक्स 2.3% बढ़ा, और निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स 1.86% बढ़ा। शीर्ष लाभ में श्रीराम फाइनेंस (3.69%), जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (3.05%) और टाटा स्टील (2.56%) शामिल थे। यह विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक-आधारित रैली का संकेत देता है। (स्रोत: निर्दिष्ट नहीं)
सकारात्मक बाजार प्रदर्शन का श्रेय वैश्विक तनाव में कमी, अनुकूल मुद्रा आंदोलनों और मजबूत घरेलू संस्थागत समर्थन को दिया जाता है। इन कारकों ने सामूहिक रूप से निवेशकों के विश्वास को बढ़ावा दिया। बाजार की बढ़ती गति निरंतर आशावाद का सुझाव देती है। (स्रोत: निर्दिष्ट नहीं)