आइसोमॉर्फिक लैब्स, अल्फाबेट की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा संचालित दवा खोज सहायक कंपनी, अपना पहला मानव नैदानिक परीक्षण शुरू करने की तैयारी कर रही है।
कंपनी, जिसे 2021 में गूगल डीपमाइंड से अलग किया गया था, दवाओं को अधिक कुशलता से डिजाइन करने के लिए AI का उपयोग करती है, जिसका उद्देश्य दवा विकास प्रक्रिया में क्रांति लाना है।
मार्च 2025 में, आइसोमॉर्फिक लैब्स ने थ्राइव कैपिटल के नेतृत्व में 600 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की। यह निवेश उनके AI दवा डिजाइन इंजन के विकास को गति देगा।
आइसोमॉर्फिक लैब्स के अध्यक्ष कॉलिन मर्डोक ने मानव परीक्षणों की आसन्न शुरुआत की पुष्टि की। उपचार विकास में तेजी लाने के लिए नोवार्टिस और एली लिली के साथ साझेदारी की गई है।
इस नवीन दृष्टिकोण का उद्देश्य अभूतपूर्व सटीकता के साथ आणविक संरचनाओं की भविष्यवाणी करने के लिए AI का उपयोग करके दवा खोज समयरेखा को छोटा करना है। इससे भारत में भी बीमारियों के इलाज में मदद मिल सकती है।
जुलाई 2025 तक, आइसोमॉर्फिक लैब्स अपना पहला मानव परीक्षण शुरू करने की कगार पर है, जो दवा अनुसंधान में AI एकीकरण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।