भारत में प्रगतिशील शिक्षा: नवाचार और भविष्य की दिशा

द्वारा संपादित: Olga Samsonova

भारत में प्रगतिशील शिक्षा एक महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रही है, जहाँ नवाचार और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा प्रणाली को नया रूप दिया जा रहा है. पारंपरिक रट्टा-मार शिक्षा से हटकर, अब अनुभवात्मक शिक्षा, रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच पर जोर दिया जा रहा है. इस बदलाव में प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण योगदान है, जिससे डिजिटल कक्षाएँ और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म छात्रों को व्यक्तिगत और आकर्षक सीखने के अनुभव प्रदान कर रहे हैं. भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो शिक्षा को वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों के साथ जोड़ती है. नीति में समावेशी शिक्षा, समानता और आजीवन सीखने पर ध्यान केंद्रित किया गया है, साथ ही विकेंद्रीकरण, सामुदायिक भागीदारी और सहयोगी नेतृत्व को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसका उद्देश्य शिक्षा को अधिक सार्थक बनाना और छात्रों को सतत विकास के लिए तैयार करना है. प्रगतिशील विद्यालय, जैसे कि श्री श्री रविशंकर विद्या मंदिर (SSRVM), इस बदलाव का उदाहरण हैं, जो 21वीं सदी के शिक्षार्थियों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नवीन पद्धतियों का उपयोग कर रहे हैं. शिक्षा में नवाचार का अर्थ है, गुणात्मक दृष्टि से वर्तमान परिस्थितियों की तुलना में बेहतर और श्रेष्ठ होना. यह एक नवीन विचार है जो विभिन्न लोगों, संस्थानों और अभिकरणों के बीच सामाजिक अंतःक्रिया द्वारा फलता है. नवाचार को अपनाने की प्रक्रिया में जागरूकता, रुचि, मूल्यांकन, परीक्षण और अंगीकरण जैसी कई अवस्थाएँ शामिल हैं. भारत में, शिक्षा प्रणाली हमेशा परंपरा और नवाचार के संगम पर खड़ी रही है, जो 'वसुधैव कुटुम्बकम' के प्राचीन दर्शन का प्रतीक है. हालांकि, भारत में उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए छात्रों और शिक्षकों के आदान-प्रदान में आसानी होनी चाहिए. विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर स्थापित करने के लिए आकर्षित करने के लिए एक ऐसी कानूनी व्यवस्था की आवश्यकता है जो उच्च शिक्षा के नियमन की व्यवस्था और प्रक्रिया में बदलाव करके उन्हें काम करने की स्वतंत्रता दे सके. प्रगतिशील और समावेशी शिक्षा प्रणाली आज की आवश्यकता है, जो रोजगार क्षमता और वास्तविक अनुप्रयोगों के साथ मेल खाती हो. भविष्य की शिक्षा विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, नवाचार और अनुसंधान को एकीकृत करने पर निर्भर है, जिससे छात्रों को आधुनिक कार्यबल की जटिलताओं के लिए तैयार किया जा सके.

स्रोतों

  • La Banda Diario

  • Noticias Para Empresas

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