स्टैनफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एक नए अध्ययन ने इस धारणा को चुनौती दी है कि मानसिक गिरावट तीस के दशक में शुरू होती है। शोधकर्ताओं ने हजारों जर्मन वयस्कों के साक्षरता और संख्यात्मक कौशल को कई वर्षों तक ट्रैक किया, जिससे पता चला कि ये कौशल चालीसवें दशक की शुरुआत तक बेहतर होते रहते हैं। साक्षरता स्थिर रहने की प्रवृत्ति होती है, जबकि संख्यात्मक क्षमता में थोड़ी गिरावट आ सकती है, लेकिन इन कौशलों का नियमित उपयोग उन्हें पचास के दशक तक बनाए रख सकता है या यहां तक कि सुधार भी कर सकता है। इस शोध से पता चलता है कि संज्ञानात्मक जुड़ाव संज्ञानात्मक कौशल के चरम पर पहुंचने के समय को निर्धारित करने में उम्र की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पढ़ने, समस्या-समाधान और अन्य मानसिक रूप से उत्तेजक गतिविधियों के माध्यम से मस्तिष्क को सक्रिय रखने से संज्ञानात्मक गिरावट को रोका या विलंबित किया जा सकता है। अध्ययन जीवन भर निरंतर सीखने और मानसिक जुड़ाव के महत्व पर प्रकाश डालता है।
स्टैनफोर्ड और कैम्ब्रिज अध्ययन: संज्ञानात्मक कौशल चालीसवें दशक की शुरुआत में चरम पर
द्वारा संपादित: Elena HealthEnergy
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