वैश्विक व्यापार तनाव के बीच भारत की आर्थिक लचीलापन विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर रहा है

Edited by: Татьяна Гуринович

वैश्विक व्यापार तनाव के बीच विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों में लौट रहे हैं, जो देश के आर्थिक लचीलेपन से आकर्षित हैं। अनुमान है कि भारत वित्तीय वर्ष 2026 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। यह लचीलापन विशेष रूप से अमेरिका और चीन की तुलना में आकर्षक है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की वापसी का श्रेय भारत की वैश्विक व्यापार युद्ध के प्रति कथित कम भेद्यता को दिया जाता है। इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक और अनुसंधान प्रमुख जी चोक्कालिंगम ने इस लाभ पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख किया कि अमेरिका और चीन को व्यापार विवादों से अधिक जोखिम का सामना करना पड़ता है। मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में भी लाभ हुआ, जो व्यापक बाजार की ताकत का संकेत देता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.4% की वृद्धि हुई, जो अपनी पिछली तेजी को आगे बढ़ा रही है। यह सकारात्मक रुझान भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।

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