पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच भारत ने 27 अप्रैल से प्रभावी पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा रद्द कर दिए हैं। यह निर्णय पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की श्रृंखला का हिस्सा है। इस कदम का उद्देश्य सुरक्षा चिंताओं को दूर करना और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है।
वीजा रद्द करने के अपवाद हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों को पहले जारी किए गए दीर्घकालिक वीजा तक सीमित हैं। नई दिल्ली ने पाकिस्तानियों के लिए वीजा सेवाएं भी अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दी हैं। पाकिस्तान में रहने वाले भारतीय नागरिकों से घर लौटने का आग्रह किया गया है।
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी सैन्य अताशे को निष्कासित करने सहित अतिरिक्त कदम उठाए हैं। सिंधु जल संधि का कार्यान्वयन भी रोक दिया गया है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार लोगों का पीछा करने की कसम खाई है।
वीजा रद्द करने और अन्य उपाय भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में महत्वपूर्ण गिरावट का संकेत देते हैं। वैश्विक समुदाय को आगे के घटनाक्रमों पर नजर रखनी चाहिए। इन घटनाक्रमों से क्षेत्र और अस्थिर हो सकता है।