शिवसेना (यूबीटी) ने मई 2025 के भारत-पाकिस्तान संघर्ष में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हस्तक्षेप की कड़ी आलोचना की है। पार्टी के मुखपत्र 'सामना' ने ट्रम्प के अधिकार और किसी भी संभावित समझौते की शर्तों पर सवाल उठाया। उन्होंने भारत की संप्रभुता और शिमला समझौते पर जोर दिया, जो तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के बिना द्विपक्षीय समाधान को बढ़ावा देता है।
संपादकीय में 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम हमले के बाद और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सैनिकों और नागरिकों के बलिदानों पर प्रकाश डाला गया। इसमें ट्रम्प द्वारा प्रस्तावित या मध्यस्थता किए गए युद्धविराम को स्वीकार करने के समय और कारणों पर सवाल उठाया गया। शिवसेना (यूबीटी) ने पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के बारे में भी चिंता जताई।
पार्टी ने भारतीय सरकार पर ट्रम्प के दबाव में आने और संभावित रूप से शिमला समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल किया कि क्या भारतीय सैनिकों द्वारा किए गए बलिदान व्यर्थ थे। संपादकीय में पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को पकड़ने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया।