खबरों के मुताबिक, चीन समर्थित निवेश कोषों ने अमेरिकी निजी इक्विटी में निवेश रोक दिया है। यह कार्रवाई राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा शुरू किए गए व्यापार युद्ध की प्रतिक्रिया है।
निजी इक्विटी फर्मों के सात अधिकारियों ने निकासी का खुलासा किया। चीनी फंड अमेरिका स्थित फर्मों में निवेश से पीछे हट रहे हैं। तीन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय चीनी सरकार के दबाव की सीधी प्रतिक्रिया थी।
कुछ फंड अमेरिकी कंपनियों में निवेश से भी वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें कहीं और स्थित अधिग्रहण समूहों के माध्यम से किए गए निवेश शामिल हैं। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब चीन अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ के प्रभाव का सामना कर रहा है।
अमेरिकी टैरिफ से दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार में काफी कमी आने का खतरा है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने चीनी निर्यात पर 145% तक टैरिफ लगाया। बीजिंग ने 125% करों के साथ जवाबी कार्रवाई की है।
चीनी निवेशकों ने अमेरिकी निजी निवेश कोषों के प्रति अपना दृष्टिकोण बदल दिया है। अमेरिकी कंपनियों के लिए आगे कोई वित्तीय प्रतिबद्धता नहीं की जाएगी। कुछ निवेशक पहले से नियोजित आवंटन से भी हट रहे हैं।
चाइना इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (सीआईसी) उन राज्य समर्थित फंडों में से एक है जिसने निकासी की है। यह रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव की पुष्टि करता है। चीनी सॉवरेन वेल्थ फंड ने प्रमुख अमेरिकी निजी इक्विटी समूहों में अरबों का निवेश किया था।