जून 2025 में, हंगरी ने यूक्रेन की संभावित यूरोपीय संघ सदस्यता पर एक जनमत संग्रह आयोजित किया, जिसे "Abstimmung 2025" कहा गया। प्रधान मंत्री विक्टर ओरबान के नेतृत्व में हुए इस मतदान में 95% प्रतिभागियों ने यूक्रेन के प्रवेश का विरोध किया। जनमत संग्रह से पहले का अभियान आक्रामक यूक्रेन विरोधी प्रचार से चिह्नित था।
स्वतंत्र निगरानी की कमी और सरकार की रणनीति के कारण जनमत संग्रह की वैधता पर सवाल उठाया गया है। इसके विपरीत, विपक्षी टिस्ज़ा पार्टी यूक्रेन की यूरोपीय संघ सदस्यता का समर्थन करती है। यह इस मुद्दे पर हंगरी के भीतर गहरे राजनीतिक विभाजन को उजागर करता है।
सरकार के रुख की आलोचना हुई है, कई नागरिकों ने अभियान को भ्रामक बताया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने ओरबान द्वारा अपनी चुनाव प्रचार में यूक्रेन के इस्तेमाल की आलोचना की। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने अभियान की निंदा करते हुए इसे हेरफेरपूर्ण बताया।
जैसे ही हंगरी 2026 के संसदीय चुनावों के करीब पहुंचता है, यूक्रेन की यूरोपीय संघ सदस्यता का मुद्दा केंद्रीय बना हुआ है। परिणाम हंगरी की विदेश नीति और यूक्रेन और यूरोपीय संघ के साथ उसके संबंधों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगा। जनमत संग्रह ने राजनीतिक ध्रुवीकरण को तेज कर दिया है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं ने हंगरी के रुख के भू-राजनीतिक निहितार्थों को रेखांकित किया है।