5 जुलाई, 2025 को लाइबेरियाई राष्ट्रपति जोसेफ बोकाई ने मोनरोविया में देश के गृहयुद्धों (1989-2003) के दौरान हुई क्रूरताओं के लिए लाइबेरियाई लोगों से औपचारिक रूप से माफी मांगी। इन युद्धों में लगभग 250,000 लोग मारे गए थे। यह भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान हुई त्रासदी की तरह ही लाइबेरिया के लिए एक गहरा घाव है।
राष्ट्रपति बोकाई ने गृहयुद्धों के प्रभाव को स्वीकार करते हुए भविष्य में होने वाली त्रासदियों को रोकने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने युद्ध और आर्थिक अपराध न्यायालय के कार्यालय के जनादेश को भी नवीनीकृत किया और इसके बजट को बढ़ाकर 2 मिलियन डॉलर कर दिया।
यह सरकार के अतीत के अन्याय को दूर करने के प्रयासों के बाद हुआ है, जिसमें युद्ध और आर्थिक अपराध न्यायालय के कार्यालय की स्थापना भी शामिल है। सत्य और सुलह आयोग (टीआरसी) ने युद्ध अपराध न्यायालय की सिफारिश की थी, लेकिन कार्यान्वयन में देरी हुई है। गांधीजी के सिद्धांतों का पालन करते हुए, लाइबेरिया न्याय और सुलह की राह पर आगे बढ़ रहा है।