नई दिल्ली, 16 मई, 2025 – संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय उन आरोपों की जांच कर रहा है कि भारतीय अधिकारियों ने पिछले सप्ताह दर्जनों रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार के पास समुद्र में धकेल दिया। एजेंसी ने कहा कि नई दिल्ली में हिरासत में लिए गए कम से कम 40 शरणार्थियों को कथित तौर पर भारतीय नौसेना द्वारा म्यांमार के साथ समुद्री सीमा के पास समुद्र में फेंक दिया गया था।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के अनुसार, बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सहित शरणार्थी तैरकर किनारे पर आ गए, लेकिन म्यांमार में उनका वर्तमान स्थान अज्ञात है। पांच रोहिंग्या शरणार्थियों ने पुष्टि की कि उनके परिवार के सदस्य 6 मई को हिरासत में लिए गए और 8 मई को कथित तौर पर समुद्र में धकेल दिए गए समूह का हिस्सा थे।
शरणार्थियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वकील ने कहा कि परिवारों ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें सरकार से उन्हें वापस नई दिल्ली लाने का आग्रह किया गया है। संयुक्त राष्ट्र ने इन कृत्यों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ नियुक्त किया है और भारत से रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ अमानवीय व्यवहार से बचने का आग्रह किया है। म्यांमार में मानवाधिकारों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉम एंड्रयूज ने इस घटना को “अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की आवश्यकता वाले लोगों के जीवन और सुरक्षा के प्रति घोर उपेक्षा” बताया।