26 जून, 2025 को, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने एक टेलीफोन पर बातचीत की। उनकी चर्चा का मुख्य फोकस इज़राइल और ईरान के बीच शांति स्थापित करने की रणनीतियों पर केंद्रित था।
यह संवाद मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में हुआ। 13 जून, 2025 को इज़राइल की कार्रवाइयों से स्थिति काफी प्रभावित हुई, जिससे दोनों देशों के बीच मौजूदा प्रतिद्वंद्विता और बढ़ गई।
अमेरिकी विदेश विभाग ने दोनों देशों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया। विदेश मंत्री रुबियो ने ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता को दोहराया। चर्चा में ईरान के अमेरिकी हितों का प्रतिनिधित्व करने में पाकिस्तान की संभावित भूमिका भी शामिल थी।
इज़राइल और ईरान के बीच संघर्ष तेज हो गया है, जिसमें सैन्य अभियान और जवाबी हमले शामिल हैं। जबकि यूरोपीय नेता सक्रिय रूप से राजनयिक समाधानों का पीछा कर रहे हैं, ईरान जारी संघर्ष के दौरान बातचीत के खिलाफ अपनी स्थिति पर कायम रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सहित अंतर्राष्ट्रीय निकायों ने संयम बरतने की अपील की है। पाकिस्तान की भागीदारी को मध्यस्थता और शांतिपूर्ण समाधान की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। 27 जून, 2025 तक, स्थिति अस्थिर बनी हुई है, जिसमें चल रहे राजनयिक प्रयास और सैन्य कार्रवाई शामिल हैं।