तुर्की में मीडिया स्वतंत्रता: सामाजिक-मनोवैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य

द्वारा संपादित: Татьяна Гуринович

तुर्की में मीडिया स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों का सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव गहरा है। हाल ही में, Sözcü TV और Halk TV जैसे विपक्षी टेलीविजन चैनलों पर प्रसारण प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिससे जनता की राय और सामाजिक व्यवहार पर असर पड़ रहा है। मीडिया, जो समाज का दर्पण माना जाता है, जब उस पर अंकुश लगाया जाता है, तो लोगों के विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम सीमित हो जाता है। यह न केवल जानकारी के प्रसार को रोकता है, बल्कि सामाजिक विश्वास और एकता को भी कमजोर करता है। सामाजिक-मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से, मीडिया स्वतंत्रता का अभाव लोगों में भय और असुरक्षा की भावना पैदा कर सकता है। जब लोग देखते हैं कि सरकार मीडिया को नियंत्रित कर रही है, तो वे अपनी राय व्यक्त करने से डरते हैं, क्योंकि उन्हें डर होता है कि उन्हें भी दंडित किया जा सकता है। इससे समाज में चुप्पी और निष्क्रियता का माहौल बन जाता है, जहाँ लोग अपने अधिकारों के लिए खड़े होने से डरते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, तुर्की में लगभग 90% मीडिया सरकार के नियंत्रण में है, जिससे स्वतंत्र आवाजों के लिए जगह कम हो गई है । इसके अतिरिक्त, मीडिया पर नियंत्रण सामाजिक ध्रुवीकरण को बढ़ा सकता है। जब सरकार समर्थित मीडिया ही एकमात्र स्रोत होता है, तो लोगों को केवल एक ही दृष्टिकोण सुनने को मिलता है, जिससे वे अन्य विचारों के प्रति असहिष्णु हो जाते हैं। यह सामाजिक विभाजन को और गहरा करता है और विभिन्न समूहों के बीच संवाद को मुश्किल बना देता है। उदाहरण के लिए, तुर्की में पत्रकारों को अक्सर 'आतंकवादी' के रूप में चित्रित किया जाता है, जिससे जनता में उनके प्रति नकारात्मक धारणा बनती है । मीडिया स्वतंत्रता का अभाव लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। निरंतर सेंसरशिप और नकारात्मक जानकारी के संपर्क में रहने से तनाव, चिंता और अवसाद बढ़ सकता है। लोगों को लगता है कि वे सच्चाई से वंचित हैं और उनके पास कोई विश्वसनीय स्रोत नहीं है, जिससे वे निराश और असहाय महसूस करते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की में आधे से अधिक समाचार दर्शकों ने हाल के महीनों में 'फर्जी खबरों' का सामना किया है, जिससे जनता में अविश्वास और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है । निष्कर्ष में, तुर्की में मीडिया स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों का सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव व्यापक और हानिकारक है। यह न केवल लोगों के विचारों और भावनाओं को सीमित करता है, बल्कि सामाजिक विश्वास, एकता और मानसिक स्वास्थ्य को भी कमजोर करता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि सरकार मीडिया स्वतंत्रता की रक्षा करे और सभी नागरिकों को स्वतंत्र रूप से जानकारी प्राप्त करने और व्यक्त करने का अधिकार सुनिश्चित करे।

स्रोतों

  • Deutsche Welle

  • Institut za bliskoistočne i balkanske studije (IFIMES)

  • Deutsche Welle

  • Europski parlament

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