स्पेन और यूनाइटेड किंगडम के वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक बायोमार्कर की पहचान की है जो कुछ कैंसर रोगियों में कीमोथेरेपी के प्रतिरोध की भविष्यवाणी करता है। 23 जून, 2025 को प्रस्तुत इस शोध का उद्देश्य उन रोगियों के लिए अप्रभावी उपचार से बचना है जिन्हें अंडाशय या प्रोस्टेट जैसे ट्यूमर हैं।
नेचर जेनेटिक्स में प्रकाशित अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि नैदानिक अभ्यास में इन बायोमार्कर का उपयोग कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करेगा और अधिक प्रभावी उपचार प्रदान करेगा। टीम ने यह भविष्यवाणी करने के लिए एक विधि विकसित की कि कौन से रोगी मानक कीमोथेरेपी उपचारों का जवाब नहीं देंगे।
टीम ने पहले ही एक अनुकरण परीक्षण के साथ अपने बायोमार्कर का परीक्षण किया है, जिसमें कैंसर रोगियों के मौजूदा डेटा का उपयोग किया गया है जिन्हें पहले ही अध्ययन में विश्लेषण की गई कीमोथेरेपी से इलाज किया जा चुका है। CNIO शोधकर्ताओं द्वारा विकसित तकनीक को अब अस्पताल सेटिंग में मान्य किया जाना चाहिए, जिसमें 2026 में नैदानिक परीक्षणों की योजना है।