सर्बिया में, जल्द संसदीय चुनावों की मांग को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन जारी हैं। नवंबर 2024 में शुरू हुए प्रदर्शन, नोवी सैड में एक रेलवे स्टेशन की छत गिरने के बाद और भी तेज हो गए, जिसमें 16 लोगों की जान चली गई। यह घटना भोपाल गैस त्रासदी की याद दिलाती है, जिसने भारत को हिलाकर रख दिया था।
28 जून, 2025 को, बेलग्रेड के केंद्रीय स्लाविया स्क्वायर में हजारों प्रदर्शनकारी एकत्र हुए। उन्होंने राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वुचिच की सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त किया। पुलिस के साथ झड़पों में गिरफ्तारियां हुईं और छह अधिकारी घायल हो गए।
छात्रों ने विरोध प्रदर्शनों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, 30 से अधिक शहरों में नाकाबंदी और सभाओं का आयोजन किया है। उनकी मांगों में सरकार का इस्तीफा, नोवी सैड घटना के लिए जवाबदेही और लोकतांत्रिक सुधार शामिल हैं। अधिकारियों ने गिरफ्तारियों और बल के उपयोग सहित बढ़ी हुई दमन के साथ जवाब दिया है। यह स्थिति भारत में हुए छात्र आंदोलनों की याद दिलाती है, जहाँ छात्रों ने भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी।