9 जुलाई, 2025 को, आर्मेनिया के राष्ट्रपति वाहागन खचातुरियन ने इलेक्ट्रिक नेटवर्क्स ऑफ आर्मेनिया सीजेएससी (ESA) के राष्ट्रीयकरण को सक्षम करने वाले संशोधनों पर हस्ताक्षर किए। कंपनी ताशिर समूह के स्वामित्व में थी, जिसका नेतृत्व रूसी-अर्मेनियाई अरबपति समवेल करापेटियन कर रहे थे, जिन्हें 18 जून, 2025 को गिरफ्तार किया गया था।
संशोधन सार्वजनिक सेवा नियामक आयोग को ऊर्जा कंपनियों पर व्यापक अधिकार प्रदान करते हैं। इसमें मालिकों को हटाने और जबरन बिक्री शुरू करने का अधिकार शामिल है। यह करापेटियन और अर्मेनियाई अपोस्टोलिक चर्च से जुड़ी घटनाओं की एक श्रृंखला के बाद हुआ है। भारत में भी, सरकार ने समय-समय पर ऊर्जा क्षेत्र में हस्तक्षेप किया है, हालांकि परिस्थितियां अलग हैं।
करापेटियन की गिरफ्तारी और ESA का राष्ट्रीयकरण अर्मेनियाई अपोस्टोलिक चर्च की एक व्यापक जांच का हिस्सा है। अधिकारियों ने प्रधान मंत्री निकोल पशिनियन की सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश का आरोप लगाया है। इस स्थिति का आर्मेनिया की राजनीतिक स्थिरता और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर प्रभाव पड़ता है, जिससे क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है।