मानवाधिकार संबंधी चिंताओं और सरकारी बदलावों को लेकर ट्यूनीशिया की आलोचना

स्वतंत्रताओं पर बढ़ती पाबंदियों की खबरों के बाद ट्यूनीशिया मानवाधिकार संगठनों की जांच के दायरे में है। असंतुष्टों के साथ व्यवहार और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर चिंताएं जताई गई हैं। राष्ट्रपति कैस सईद ने प्रधानमंत्री नजला बौडेन को बर्खास्त कर दिया और उनकी जगह अहमद हचानी को नियुक्त किया। 2019 में सईद के सत्ता संभालने के बाद से सरकारी बदलावों की श्रृंखला में यह नवीनतम है, जिससे देश की स्थिरता और दिशा पर सवाल उठ रहे हैं। ट्यूनीशिया सीमित विकास संभावनाओं और उच्च बेरोजगारी दर, विशेष रूप से युवाओं के बीच, महत्वपूर्ण आर्थिक और वित्तीय चुनौतियों से भी जूझ रहा है।

क्या आपने कोई गलती या अशुद्धि पाई?

हम जल्द ही आपकी टिप्पणियों पर विचार करेंगे।