वायु गुणवत्ता निगरानी से संकेत मिलता है कि कई देश महत्वपूर्ण वायु प्रदूषण समस्याओं का सामना कर रहे हैं। IQAir प्लेटफॉर्म द्वारा एकत्र किए गए डेटा से पता चलता है कि सालाना 15 लाख से अधिक लोग वायु प्रदूषण से प्रभावित होते हैं। चाड, बांग्लादेश, पाकिस्तान, कांगो और भारत को 2023 में सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले देश बताया गया है। ऑस्ट्रेलिया, बहामास, बारबाडोस, एस्टोनिया, ग्रेनाडा, आइसलैंड और न्यूजीलैंड एकमात्र ऐसे देश हैं जो वार्षिक औसत पीएम2.5 सांद्रता के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों को पूरा करते हैं। विश्लेषण से संकेत मिलता है कि सबसे खराब वार्षिक औसत पीएम2.5 स्तर वाले 20 शहरों में से 13 भारत में स्थित हैं। भारत के उत्तर पूर्व में स्थित एक औद्योगिक शहर भिवंडी को सबसे प्रदूषित शहर के रूप में पहचाना गया है। नई दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी हुई है। निष्कर्ष यह भी बताते हैं कि दुनिया के एक महत्वपूर्ण हिस्से के पास वास्तविक समय के वायु गुणवत्ता डेटा तक पहुंच नहीं है। उदाहरण के लिए, लगभग 1.4 बिलियन की आबादी वाले अफ्रीका में केवल 100 से अधिक वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन हैं।
वायु गुणवत्ता निगरानी से कई देशों में व्यापक प्रदूषण का खुलासा
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