इकारस पत्रिका में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन ने शनि के चंद्रमा एन्सेलाडस की संभावित रहने की क्षमता के बारे में नई जानकारी प्रदान की है। शोधकर्ताओं ने इसके उपसतह महासागर के पीएच स्तर का अनुमान लगाया है, जिससे पहले की तुलना में अधिक क्षारीय वातावरण का पता चला है। यह खोज बाहरी जीवन की खोज के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ रखती है।
अध्ययन में एन्सेलाडस के दक्षिणी ध्रुवीय गीजर से निकलने वाले बर्फ के कणों में फॉस्फेट के स्तर पर डेटा का विश्लेषण करने के लिए कंप्यूटर मॉडल का उपयोग किया गया। इन गीजर, जिन्हें “टाइगर स्ट्राइप्स” के रूप में जाना जाता है, की खोज पहली बार नासा के कैसिनी अंतरिक्ष यान द्वारा की गई थी। मॉडल अनुमान लगाते हैं कि महासागर का पीएच 10.1 और 11.6 के बीच है, जो पहले के अनुमानों से काफी अधिक है।
एक अधिक क्षारीय वातावरण महासागर और चंद्रमा के चट्टानी कोर के बीच एक मजबूत संपर्क का सुझाव देता है। यह संपर्क जीवन के लिए आवश्यक रासायनिक ऊर्जा प्रदान कर सकता है। कार्बनिक यौगिकों और फास्फोरस, जो जीवन के लिए एक प्रमुख तत्व है, की उपस्थिति एन्सेलाडस की जीवन को सहारा देने की क्षमता को और मजबूत करती है।
2030 के दशक के अंत के लिए प्रस्तावित एन्सेलाडस ऑर्बिलांडर मिशन, इस क्षमता की आगे जांच करने का लक्ष्य रखता है। इस मिशन में चंद्रमा की परिक्रमा करना, इसके पानी के प्लम का नमूना लेना और अंततः इसकी सतह पर उतरना शामिल होगा। लक्ष्य जीवन के संकेतों की तलाश करना है, जो हमें पृथ्वी के बाहर जीवन के प्रश्न का उत्तर देने के करीब लाएगा।