नई दिल्ली, भारत, 6 मई: आईईएसए और सीईएस की एक संयुक्त रिपोर्ट का अनुमान है कि राष्ट्रीय ईवी लक्ष्यों (एनईवी) से प्रेरित होकर, 2032 तक भारत में 123 मिलियन इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) होंगे। सड़क पर लिथियम-आयन ईवी की आबादी बारह गुना बढ़ गई है, जो 2019 में 0.35 मिलियन से बढ़कर 2024 में 4.4 मिलियन हो गई है।
2024 में भारत के सड़क पर मौजूद ईवी स्टॉक में इलेक्ट्रिक दो और तीन-पहिया वाहनों की हिस्सेदारी 93% से अधिक थी। इलेक्ट्रिक चार-पहिया वाहनों का प्रतिनिधित्व लगभग 6% था, जबकि इलेक्ट्रिक बसों और ट्रकों की हिस्सेदारी 1% से भी कम थी। निजी इलेक्ट्रिक चार-पहिया वाहन (ई4डब्ल्यू) निजी और घरेलू चार्जिंग के विस्तार को बढ़ावा देते हैं।
2024 में, भारत में लगभग 76,000 सार्वजनिक और कैप्टिव चार्जिंग पॉइंट थे जिनकी क्षमता 1.3 गीगावाट थी। 2032 तक संचयी रूप से स्थापित ईवी चार्जिंग पॉइंट को 12 से 28 गुना बढ़ने की आवश्यकता है, जो 0.9 से 2.1 मिलियन तक पहुंच जाएगी। स्थापित चार्जिंग क्षमता को 17 गुना से अधिक बढ़ाना होगा, जो 1.3 गीगावाट से बढ़कर 23 गीगावाट हो जाएगी।