कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से चलने वाले रोबोटों का विकास स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। लीड्स विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा AI सिस्टम विकसित किया है जो रोबोट को विभिन्न अज्ञात भूभागों के अनुसार अपनी चाल को स्वचालित रूप से समायोजित करने की अनुमति देता है। यह तकनीक उन खतरनाक वातावरणों में काम करने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हो सकती है जहाँ जोखिम अधिक होता है। स्वास्थ्य और सुरक्षा मंत्रालय के अनुसार, औद्योगिक दुर्घटनाओं में हर साल हजारों लोग घायल होते हैं, जिनमें से कई को टाला जा सकता है यदि रोबोटों का उपयोग खतरनाक कार्यों को करने के लिए किया जाए। उदाहरण के लिए, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में, जहाँ विकिरण का खतरा होता है, ये रोबोट निरीक्षण और रखरखाव का कार्य कर सकते हैं, जिससे मानव जोखिम कम हो जाता है। इसी तरह, खनन उद्योग में, जहाँ भूस्खलन और गैस रिसाव का खतरा होता है, AI रोबोट सुरक्षा उपायों को मजबूत कर सकते हैं। भारत में, जहाँ औद्योगिक सुरक्षा एक बड़ी चिंता है, इस तरह की तकनीक जीवन रक्षक साबित हो सकती है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अनुसार, भारत में हर साल विभिन्न प्रकार की आपदाओं में हजारों लोगों की जान जाती है। AI रोबोट बचाव कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, मलबे में फंसे लोगों को ढूंढने और उन्हें सुरक्षित निकालने में मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, इन रोबोटों का उपयोग स्वास्थ्य सेवा में भी किया जा सकता है, जैसे कि अस्पतालों में संक्रामक रोगों से ग्रस्त रोगियों की देखभाल करना, जिससे स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। इस प्रकार, AI रोबोट न केवल तकनीक का एक अद्भुत उदाहरण हैं, बल्कि स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान भी हैं।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता रोबोट: स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए एक नया दृष्टिकोण
द्वारा संपादित: Veronika Radoslavskaya
स्रोतों
Innovations Report
Animal-inspired AI robot learns to navigate unfamiliar terrain
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