न्याय विभाग (डीओजे) ने जेफरी एपस्टीन मामले की अपनी समीक्षा को अंतिम रूप दे दिया है, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया है कि किसी भी निंदनीय ग्राहक सूची या प्रमुख व्यक्तियों को शामिल करने वाले ब्लैकमेल के अस्तित्व का समर्थन करने वाला कोई सबूत नहीं है। जांच में एफबीआई डेटाबेस और भौतिक साक्ष्य की व्यापक खोज शामिल थी, जिसमें 300 गीगाबाइट से अधिक सामग्री जमा हुई।
बड़ी मात्रा में डेटा के बावजूद, जिसमें बाल यौन शोषण से संबंधित हजारों चित्र और वीडियो शामिल हैं, डीओजे को ग्राहक सूची के दावों का समर्थन करने के लिए कोई विश्वसनीय सबूत नहीं मिला। यह अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी के पिछले बयानों का खंडन करता है, जिन्होंने ऐसी सूची के अस्तित्व का सुझाव दिया था। भारत में भी इस मामले को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं, जिनमें कई प्रभावशाली लोगों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही थी।
डीओजे ने इस निष्कर्ष की भी पुष्टि की कि एपस्टीन ने अगस्त 2019 में आत्महत्या कर ली थी। विभाग ने पारदर्शिता और पीड़ितों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जिसमें कहा गया कि इस समय आगे के खुलासे अनुचित हैं। विभाग ने कहा है कि पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करना और न्याय सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है।