प्रादा का भारतीय कारीगरों के साथ सहयोग एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण के दृष्टिकोण से कितना सार्थक है, यह जांचना आवश्यक है। पारंपरिक रूप से, भारत में कई हस्तशिल्प उद्योग महिलाओं द्वारा संचालित होते हैं, और कोल्हापुरी चप्पल बनाने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। ऐसे में, प्रादा के सहयोग से इन महिलाओं को कितना लाभ होगा, यह देखना महत्वपूर्ण है। कोल्हापुरी चप्पलें, जो 12वीं शताब्दी से महाराष्ट्र में बनाई जा रही हैं, न केवल एक सांस्कृतिक प्रतीक हैं, बल्कि कई महिलाओं के लिए आजीविका का साधन भी हैं । इन चप्पलों को बनाने की प्रक्रिया में चमड़ा तैयार करने से लेकर सिलाई और डिजाइनिंग तक, कई चरण शामिल हैं, जिनमें महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण होता है। प्रादा के साथ सहयोग से इन महिलाओं को बेहतर मजदूरी, सुरक्षित कार्यस्थल और प्रशिक्षण के अवसर मिलने चाहिए। यह भी महत्वपूर्ण है कि प्रादा का सहयोग केवल दिखावटी न हो, बल्कि वास्तव में महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान करे। कंपनी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महिलाओं को निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल किया जाए और उन्हें नेतृत्व के पदों पर भी अवसर मिले। इसके अतिरिक्त, प्रादा को महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए भी कुछ कार्यक्रम चलाने चाहिए, ताकि उनका समग्र विकास हो सके। प्रादा के इस कदम से अन्य फैशन ब्रांडों को भी प्रेरणा मिलनी चाहिए कि वे भारतीय कारीगरों के साथ सहयोग करें और लिंग समानता को बढ़ावा दें। भारत सरकार को भी हस्तशिल्प उद्योग में महिलाओं के लिए नीतियां बनानी चाहिए, ताकि उन्हें अधिक अवसर मिल सकें। प्रादा ने माना है कि उसके सैंडल प्राचीन भारतीय डिजाइनों से प्रेरित थे । इस संदर्भ में, यह महत्वपूर्ण है कि सहयोग से महिलाओं को उचित श्रेय और पहचान मिले, ताकि उनकी कला और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर सम्मान मिल सके। अंततः, प्रादा का भारतीय कारीगरों के साथ सहयोग तभी सफल होगा, जब यह महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए और उन्हें सशक्त बनाए।
भारतीय कारीगरों के साथ प्रादा का सहयोग: लिंग समानता और सशक्तिकरण पर एक परिप्रेक्ष्य
द्वारा संपादित: Екатерина С.
स्रोतों
Business Insider
Prada looks at collaboration with Indian footwear artisans after sandal scandal
India accuses Prada of cultural appropriation over sandals
After Prada ‘Sandal Scandal,’ Indian Sellers Tap Nationalist Pride to Boost Sales
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