हाल ही में, रोम में एक अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन के दौरान 2,100 से अधिक नकली कलाकृतियाँ जब्त की गईं, जिनकी अनुमानित कीमत 200 मिलियन यूरो से अधिक थी। इस ऑपरेशन में इटली, स्पेन और बेल्जियम के अधिकारियों ने मिलकर काम किया, जिसके परिणामस्वरूप 38 व्यक्तियों की पहचान की गई, जिन पर जालसाजी और सांस्कृतिक वस्तुओं के अवैध व्यापार की जांच चल रही है। जब्त की गई कलाकृतियों में प्रसिद्ध कलाकारों की नकली पेंटिंग्स शामिल थीं।
अंतरराष्ट्रीय संदर्भ में, कला जालसाजी एक गंभीर मुद्दा है जो न केवल व्यक्तिगत खरीदारों को प्रभावित करता है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक धरोहर को भी नुकसान पहुँचाता है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के अनुसार, कला और सांस्कृतिक वस्तुओं की अवैध तस्करी दुनिया भर में अनुमानित 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का उद्योग है। यह दर्शाता है कि कला जालसाजी और तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग कितना महत्वपूर्ण है।
ऑपरेशन जैसे प्रयास, जो विभिन्न देशों के अधिकारियों को एक साथ लाते हैं, इस अवैध गतिविधि का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जालसाजों द्वारा नकली कलाकृतियों को विदेशी नीलामी घरों में झूठे प्रमाणपत्रों के साथ भेजा जाता था, जिसका उद्देश्य संदिग्ध खरीदारों को धोखा देना था।
भारत में, कला बाजार तेजी से बढ़ रहा है, और इसके साथ ही जालसाजी का खतरा भी बढ़ रहा है। भारतीय कला बाजार रिपोर्ट 2024 के अनुसार, भारतीय कला बाजार का मूल्य 2023 में 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, और इसके 2028 तक 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है। इस वृद्धि के साथ, कलाकृतियों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने और खरीदारों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए मजबूत नियामक ढांचे और जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है।
ऑपरेशन कला तस्करी और जालसाजी का मुकाबला करने में बढ़ते अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर प्रकाश डालता है, जिसका उद्देश्य सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करना और कला बाजार में महत्वपूर्ण आर्थिक नुकसान को रोकना है।