हैदराबाद में 15वीं शताब्दी के मुहम्मद कुतुब शाह के मकबरे का जीर्णोद्धार चल रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य उस युग की टाइल कला को फिर से प्रस्तुत करना और संरक्षित करना है। इससे कभी खोई हुई शिल्प कला का पुनरुद्धार हो सकता है।
यह मकबरा, कुतुब शाही वंश के छठे शासक का अंतिम विश्राम स्थल है, जिसमें विभिन्न रंगों की अनुमानित 200,000 हस्तनिर्मित टाइलें हैं। इसमें जटिल प्लास्टर का काम भी शामिल है। आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर (AKTC), तेलंगाना के विरासत विभाग के सहयोग से जीर्णोद्धार कर रहा है।
संरक्षण प्रयास को इंडिगो रीच और इंटरग्लोब फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित किया गया है। जीर्णोद्धार यथावत साक्ष्यों पर आधारित है, नई टाइलों को मूल के भौतिक और रासायनिक गुणों से मिलाया गया है। अग्रभाग और मीनारों पर जटिल टाइल का काम पूरा होने में कई महीने लगने की उम्मीद है।
टाइल कला का मूल शिल्प मध्य एशिया से आता है। बिल्डरों ने ईंटों को बारिश से बचाने के लिए टाइल का उपयोग एक जलरोधी तंत्र के रूप में किया। इस टाइल कला का जीर्णोद्धार कुतुब शाही समय की एक झलक और उनकी वास्तुकला की बेहतर समझ प्रदान करता है।