भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) के खगोलविदों ने सूर्य की बाहरी परत पर सूक्ष्म प्लाज्मा लूपों की पहचान की है। यह खोज सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा भंडारण और रिलीज प्रक्रियाओं में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
लगभग 3,500 किलोमीटर लंबे और 100 किलोमीटर से कम चौड़े ये क्षणिक लूप, पहले देखने में मुश्किल थे। मार्च 2025 में द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित शोध में कई स्रोतों से डेटा का उपयोग किया गया था।
यह अनुसंधान, भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा को दर्शाता है, जो हमारे ब्रह्मांड को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। अवलोकन गूडे सोलर टेलीस्कोप, नासा के आईआरआईएस और सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी से आए। लद्दाख में नियोजित राष्ट्रीय विशाल सौर दूरबीन (एनएलएसटी) द्वारा निष्कर्षों को और बढ़ाने की उम्मीद है, जो भारत को खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करेगा। यह खोज भारत के वैज्ञानिक प्रयासों और अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रति समर्पण का प्रमाण है।