3 जुलाई, 2025 को पृथ्वी अपसौर (Aphelion) पर पहुंचेगी, जो सूर्य से इसकी कक्षा का सबसे दूर बिंदु है। इस समय पृथ्वी और सूर्य के केंद्रों के बीच की दूरी लगभग 152,087,738 किलोमीटर होगी।
बढ़ी हुई दूरी के बावजूद, अपसौर सीधे तौर पर तापमान में गिरावट का कारण नहीं बनता है। पृथ्वी की धुरी का झुकाव मौसमों को प्रभावित करने वाला प्राथमिक कारक है, जो सूर्य के प्रकाश के कोण और अवधि को निर्धारित करता है। इसे ऐसे समझें कि जैसे भारत में मानसून का आना पृथ्वी के अक्ष के झुकाव के कारण होता है, न कि सूर्य से दूरी के कारण।
अपसौर के दौरान उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु का अनुभव होगा, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में शीत ऋतु होगी। अपसौर का समय सदियों से बदलता रहा है, जो पृथ्वी की गतिशील कक्षीय यांत्रिकी को उजागर करता है। यह खगोलीय घटना हमें ब्रह्मांड की विशालता और पृथ्वी की गतिशीलता के बारे में सोचने पर मजबूर करती है।