अप्रैल 2025 में, मैक्सवेल लैब्स, सैंडिया नेशनल लेबोरेटरीज और न्यू मैक्सिको विश्वविद्यालय के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका में एक अभूतपूर्व सहयोग शुरू हुआ। यह साझेदारी लेजर-आधारित फोटोनिक कूलिंग तकनीकों के विकास पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य उच्च-घनत्व वाले कंप्यूटर प्रोसेसर को ठंडा करने के तरीके में क्रांति लाना है।
यह परियोजना डेटा सेंटरों की महत्वपूर्ण ऊर्जा खपत को संबोधित करती है, जो अक्सर अपनी बिजली का एक बड़ा हिस्सा कूलिंग सिस्टम को समर्पित करते हैं। यह अभिनव दृष्टिकोण चिप्स, विशेष रूप से जीपीयू पर स्थानीय हॉट स्पॉट को लक्षित और ठंडा करने के लिए लेजर प्रकाश का उपयोग करता है, जिससे संभावित रूप से बिजली की खपत कम होती है और दक्षता बढ़ती है। भारत में भी डेटा सेंटरों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, यह तकनीक बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
यह तकनीक अल्ट्रा-प्योर गैलियम आर्सेनाइड पर निर्भर करती है, जिसमें आणविक बीम एपिटैक्सी में सैंडिया की विशेषज्ञता महत्वपूर्ण है। टीम इनवर्स डिज़ाइन, एक कंप्यूटर ऑप्टिमाइज़ेशन तकनीक का भी उपयोग कर रही है, ताकि फोटोनिक संरचनाएं बनाई जा सकें जो लेजर प्रकाश को सटीक रूप से निर्देशित करें। इससे प्रोसेसर अभूतपूर्व प्रदर्शन स्तरों पर काम कर सकते हैं, और परियोजना वर्तमान में परीक्षण और निर्माण चरण में है। यह तकनीक भारत के 'मेक इन इंडिया' अभियान को भी बढ़ावा दे सकती है, जिससे देश में ही उच्च-तकनीकी उत्पादों का निर्माण संभव हो सकेगा।