जून 2025 में प्रकाशित एक अभूतपूर्व अध्ययन में, वियना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने समुद्री एनीमोन (Sea Anemones) के बारे में एक आश्चर्यजनक खोज का अनावरण किया। ये समुद्री जीव, जिन्हें पारंपरिक रूप से रेडियली सिमेट्रिकल (त्रिज्य सममित) माना जाता है, अपने पृष्ठीय-उदर शरीर अक्ष (dorsal-ventral body axis) को स्थापित करने के लिए द्विपक्षीय जानवरों (bilateral animals) में पाए जाने वाले समान एक आणविक तंत्र का उपयोग करते हैं।
यह शोध स्टारलेट समुद्री एनीमोन (Nematostella vectensis) पर केंद्रित था, जिसमें पता चला कि "शटलिंग बीएमपी (shuttling BMP)" सिग्नलिंग प्रणाली भ्रूण के विकास (embryonic development) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह प्रणाली, जिसमें बोन मॉर्फोजेनेटिक प्रोटीन (bone morphogenetic protein) (बीएमपी) शामिल है, एक आणविक संदेशवाहक के रूप में कार्य करती है, जो शरीर के भीतर उनके स्थान के आधार पर विशिष्ट ऊतकों में अंतर करने के लिए कोशिकाओं का मार्गदर्शन करती है। भारत में भ्रूण विकास पर चल रहे शोध के संदर्भ में यह खोज विशेष रूप से दिलचस्प है।
इसके अलावा, अध्ययन में बीएमपी सिग्नलिंग के एक मॉड्युलेटर, ZSWIM4-6 की पहचान की गई, जो एक ट्रांसक्रिप्शनल को-रिप्रेसर (transcriptional co-repressor) के रूप में कार्य करता है। इस खोज ने शुरुआती जानवरों में शरीर की योजनाओं के विकास पर नया प्रकाश डाला है, जिससे पता चलता है कि "शटलिंग बीएमपी" तंत्र पहले की तुलना में बहुत पहले विकसित हुआ था, जो 600 मिलियन वर्ष से भी पहले का है। यह शोध शुरुआती जानवरों में शरीर की योजनाओं के विकास को समझने के लिए नए रास्ते खोलता है, जिससे यह समझने में मदद मिल सकती है कि पृथ्वी पर जीवन कैसे विकसित हुआ, जिसमें भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध भी शामिल हैं।