भारत में पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति और नवाचार तेजी से बढ़ रहे हैं, जो विभिन्न उद्योगों और व्यक्तिगत उपयोग के लिए नए अवसर खोल रहे हैं । यह तकनीक, जो शरीर पर पहनी जा सकती है, स्वास्थ्य निगरानी से लेकर औद्योगिक सुरक्षा तक, कई क्षेत्रों में क्रांति ला रही है। इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (IDC) के अनुसार, भारत का पहनने योग्य बाजार Q1 2021 में 170.3% वर्ष-दर-वर्ष बढ़ा है, जिसमें 11.4 मिलियन यूनिट्स की शिपिंग हुई है । स्वास्थ्य और फिटनेस के क्षेत्र में, स्मार्टवॉच और फिटनेस बैंड जैसे पहनने योग्य उपकरण उपयोगकर्ताओं को उनकी हृदय गति, नींद के पैटर्न और गतिविधि स्तर को ट्रैक करने में मदद करते हैं। EzeCheck जैसे उपकरण बिना रक्त नमूने के हीमोग्लोबिन के स्तर को मापने का एक त्वरित और किफायती तरीका प्रदान करते हैं, जो भारत को एनीमिया मुक्त बनाने के उद्देश्य का समर्थन करता है । यह तकनीक ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा को सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। औद्योगिक क्षेत्र में, पहनने योग्य उपकरण श्रमिकों की सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने में मदद कर रहे हैं। क्लाउड-कनेक्टेड पहनने योग्य उपकरण वास्तविक समय में डेटा प्रदान करते हैं, जिससे जोखिमों को कम करने और सुरक्षा प्रोटोकॉल को बेहतर बनाने में मदद मिलती है । उदाहरण के लिए, गैस डिटेक्टरों और क्षेत्र मॉनिटरों को मिलाकर, एक पूरी तरह से प्रबंधित नेटवर्क बनाया जा सकता है जो घटना अलर्ट, प्रतिक्रिया और बचाव के अवसर प्रदान करता है। हालांकि, भारत में पहनने योग्य तकनीक को अपनाने में कुछ बाधाएं भी हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि मनोवैज्ञानिक जोखिम और वित्तीय जोखिम पहनने योग्य उपकरणों को अपनाने में सबसे बड़ी बाधाएं हैं । इसके अतिरिक्त, प्रौद्योगिकी साक्षरता की कमी भी एक महत्वपूर्ण कारक है। इन बाधाओं को दूर करने के लिए, निर्माताओं को उपयोगकर्ता के अनुकूल और किफायती उत्पादों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, साथ ही प्रौद्योगिकी साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाने चाहिए। भारत में पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक्स का भविष्य उज्ज्वल है, खासकर जब सरकार 'मेक इन इंडिया' जैसी पहलों के माध्यम से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दे रही है। जैसे-जैसे तकनीक अधिक सस्ती और सुलभ होती जाएगी, वैसे-वैसे यह स्वास्थ्य सेवा, औद्योगिक सुरक्षा और व्यक्तिगत जीवन में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। भारत को इस क्रांति का नेतृत्व करने के लिए नवाचार, कौशल विकास और एक मजबूत नियामक ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
भारत में पहनने योग्य इलेक्ट्रॉनिक्स: तकनीकी प्रगति और नवाचार
द्वारा संपादित: Vera Mo
स्रोतों
Mirage News
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