केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आधुनिक जीवनशैली की बीमारियों से लड़ने के लिए युवाओं द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा और योग को अपनाने की वकालत की। उन्होंने 16 मई, 2025 को उजिरे, दक्षिण कन्नड़ में एसडीएम कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज में योग और प्राकृतिक चिकित्सा पर तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन कार्यक्रम के दौरान इस बात पर जोर दिया। पांच दिवसीय सम्मेलन कॉलेज द्वारा भारतीय प्राकृतिक चिकित्सा और योग स्नातक चिकित्सा संघ और आयुष मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया था।
डॉ. डी. वीरेंद्र हेगड़े ने शरीर की अंतर्निहित उपचार क्षमताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मनुष्य ने स्वाभाविक रूप से ठीक होने की प्रवृत्ति खो दी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उपवास, संतुलित आहार और नियमित नींद जैसी अनुशासित आदतें शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता को बहाल कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि सच्ची चिकित्सा आत्म-जागरूकता और प्रकृति के साथ सद्भाव से शुरू होती है।
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यू.टी. खादर ने प्राकृतिक चिकित्सा को भारत की परंपराओं से एक मूल्यवान उपहार बताया, यह सुझाव देते हुए कि प्रकृति-आधारित प्रथाओं का पालन करके बिना दवा के कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। उन्होंने दैनिक योग अभ्यास और भारत की जैव विविधता में निहित वैकल्पिक दवाओं की खोज करने का आग्रह किया। सम्मेलन में 300 प्रतिनिधियों और 10,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया, जिसमें अनुसंधान प्रस्तुतियाँ और सांस्कृतिक गतिविधियाँ शामिल थीं।