हाल के अध्ययनों में आहार विकल्पों के जैविक उम्र बढ़ने पर महत्वपूर्ण प्रभाव को रेखांकित किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय उम्र बढ़ने केंद्र (सीईएनआईई) के शोध में इस बात पर जोर दिया गया है कि दीर्घायु दैनिक आदतों पर निर्भर करती है, जिसमें संतुलित आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि और तनाव प्रबंधन शामिल है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की डॉ. शेरोन इनौये स्वस्थ उम्र बढ़ने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार, व्यायाम और मानसिक उत्तेजना की वकालत करती हैं। एंटीऑक्सिडेंट और ग्लूकोसाइनोलेट्स से भरपूर बैंगनी गोभी, इसके एंटी-एजिंग और एंटी-कैंसर गुणों के लिए जानी जाती है।
क्लिनिकल न्यूट्रिशन में एक अलग अध्ययन में 18-35 वर्ष की आयु के समान जुड़वा बच्चों की जांच की गई, जिससे पता चला कि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, लाल मांस और शर्करा युक्त पेय पदार्थों से भरपूर आहार त्वरित जैविक उम्र बढ़ने से संबंधित हैं। इसमें सेलुलर उम्र बढ़ने के मार्कर, पुरानी सूजन और खराब चयापचय स्वास्थ्य शामिल हैं। इसके विपरीत, पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों, दुबला प्रोटीन और साबुत अनाज से भरपूर आहार स्वस्थ उम्र बढ़ने के मार्करों, कम सूजन और बेहतर चयापचय स्वास्थ्य से जुड़े थे। शोधकर्ताओं ने उम्र बढ़ने को धीमा करने और दीर्घकालिक कल्याण में सुधार करने के लिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दुबला प्रोटीन से भरपूर आहार की सिफारिश की है, जबकि प्रसंस्कृत मीट, शर्करा युक्त पेय और फास्ट फूड से बचने की सलाह दी है।