खगोलविदों ने नासा के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) का उपयोग करके TOI-1846 b नामक एक नया सुपर-अर्थ एक्सोप्लैनेट खोजा है। यह ग्रह पृथ्वी से लगभग 154 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है और एक लाल बौने तारे के चारों ओर परिक्रमा करता है।
TOI-1846 b की त्रिज्या पृथ्वी से लगभग 1.79 गुना और द्रव्यमान लगभग 4.4 गुना अधिक है, जिससे इसकी घनत्व लगभग 4.2 ग्राम/सेमी³ होती है। यह ग्रह अपने तारे की परिक्रमा हर 3.93 दिनों में करता है, जिससे इसका संतुलन तापमान लगभग 295°C (568.1 K) होता है।
इस ग्रह की खोज से खगोलविदों को ग्रहों के गठन और विकास को समझने में मदद मिलती है, विशेषकर उन ग्रहों के बारे में जो "रैडियस वैली" में स्थित हैं, जो चट्टानी सुपर-अर्थ और गैसीय उप-नेप्च्यून के बीच का अंतराल है।
भविष्य में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग एक्सोप्लैनेट डेटा के विश्लेषण में और अधिक दक्षता और सटीकता लाने के लिए किया जा सकता है। AI एल्गोरिदम बड़ी मात्रा में डेटा को संसाधित करने और उन पैटर्न की पहचान करने में मदद कर सकते हैं जो मानव विश्लेषकों के लिए मुश्किल हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, नैनो तकनीक और उन्नत सामग्री विज्ञान भविष्य के अंतरिक्ष दूरबीनों और उपकरणों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, जिससे खगोलविदों को और भी दूर के ग्रहों और तारों का अध्ययन करने में मदद मिलेगी।
TOI-1846 b की खोज न केवल एक वैज्ञानिक सफलता है, बल्कि यह खगोल विज्ञान में तकनीकी प्रगति का भी एक प्रमाण है।