नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर अब तक के सबसे बड़े कार्बनिक अणुओं की खोज की है, जो येलोनाइफ खाड़ी के 3.7 अरब साल पुराने चट्टान के नमूने में पाए गए हैं, जो कभी मंगल ग्रह की झील हुआ करती थी। ये यौगिक, लंबी-श्रृंखला वाले एल्केन, वसा अम्लों के संभावित अवशेषों के रूप में पहचाने गए हैं, जो पृथ्वी के सभी जीवों में कोशिका झिल्ली के आवश्यक घटक हैं। हालांकि ये अणु गैर-जैविक प्रक्रियाओं के माध्यम से बन सकते हैं, लेकिन उनकी उपस्थिति मंगल ग्रह पर अतीत में जीवन की संभावना का सुझाव देती है। 2012 में उतरा यह रोवर, लाल ग्रह पर जीवन के संभावित इतिहास के और सबूतों की तलाश में गेल क्रेटर का पता लगाना जारी रखता है। शोधकर्ताओं ने मडस्टोन नमूने के एक बड़े हिस्से का परीक्षण करने के लिए एक नई प्रक्रिया विकसित की, जिससे डेकेन, अनडेकेन और डोडेकेन का पता चला। आगे के विश्लेषण से पता चला कि पृथ्वी के जीव जिस तरह से वसा अम्ल का उत्पादन करते हैं, उसी तरह के निशान मिले हैं, जिससे वैज्ञानिक जिज्ञासा बढ़ गई है।
क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह पर सबसे बड़े कार्बनिक अणुओं का पता लगाया
Edited by: Uliana Аj
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