खगोलविदों ने सीधे दो एक्सोप्लैनेट को अपनी बाहरी परतें अंतरिक्ष में गिराते हुए देखा है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने नेपच्यून के आकार के एक चट्टानी एक्सोप्लैनेट, K2-22b को देखा, जो केवल नौ घंटों में अपने तारे की परिक्रमा करता है। इसकी सतह का तापमान 1826 डिग्री सेल्सियस से अधिक तक पहुँच जाता है, जो चट्टान को वाष्पित करने के लिए पर्याप्त गर्म होता है, जिससे धूमकेतु जैसी पूंछ बन जाती है। JWST ने कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रिक ऑक्साइड जैसी गैसों का पता लगाया, जो आमतौर पर बर्फीले पिंडों से जुड़ी होती हैं। एक अन्य एक्सोप्लैनेट, BD+054868AB को एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) द्वारा खोजा गया था। यह पृथ्वी पर पाया जाने वाला सबसे नज़दीकी वाष्पीकरण करने वाला एक्सोप्लैनेट है। अनुमान है कि BD+054868AB हर दस लाख वर्षों में चंद्रमा का द्रव्यमान खो देता है और 1 से 2 दस लाख वर्षों में इसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
दूरबीन ने परतें गिराते एक्सोप्लैनेट देखे
Edited by: Uliana Аj
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