2 जुलाई, 2025 को, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने हमारे सौरमंडल में प्रवेश करने वाली एक नई अंतरतारकीय वस्तु, A11pl3z की खोज की पुष्टि की।
1 जुलाई, 2025 को नासा के एटलस (ATLAS) द्वारा पहली बार देखी गई, A11pl3z एक अतिपरवलयिक प्रक्षेपवक्र पर है, जो हमारे सौरमंडल के बाहर से उत्पत्ति का संकेत देता है। अक्टूबर 2025 में इसके सूर्य के सबसे करीब से गुजरने की उम्मीद है, जो मंगल ग्रह के पास से गुजरेगा।
अनुमान है कि A11pl3z का व्यास लगभग 20 किलोमीटर है, और यह धूमकेतु जैसी गतिविधि नहीं दिखा रहा है। दुनिया भर के खगोलविद इसकी संरचना और उत्पत्ति पर डेटा इकट्ठा करने के लिए वस्तु का अवलोकन कर रहे हैं। यह खोज हमें भारतीय ज्योतिष और खगोल विज्ञान की समृद्ध विरासत की याद दिलाती है, जहाँ प्राचीन ऋषियों ने भी तारों और ग्रहों के रहस्यों को उजागर करने का प्रयास किया था।