हांगकांग भविष्य में समुद्र-स्तर में वृद्धि (एसएलआर) के अनुमानों के साथ उच्च-रिज़ॉल्यूशन डिजिटल टेरेन मॉडल (डीटीएम) को एकीकृत करके तटीय बाढ़ के खिलाफ अपनी सुरक्षा को मजबूत कर रहा है। इस नवीन दृष्टिकोण का उद्देश्य बाढ़ की भविष्यवाणियों की सटीकता में सुधार करना है, जिससे प्रभावी शहरी नियोजन और आपदा न्यूनीकरण रणनीतियों को सूचित किया जा सके।
हांगकांग भूमि विभाग ने एक व्यापक 5-मीटर ग्रिड डीटीएम विकसित किया है, जो क्षेत्र की स्थलाकृति का विस्तृत प्रतिनिधित्व प्रदान करता है। हवाई तस्वीरों से प्राप्त यह मॉडल बाढ़ मॉडलिंग और जोखिम मूल्यांकन के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है। सटीकता 90% आत्मविश्वास स्तर पर ±5 मीटर के भीतर है।
अनुमानों से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण हांगकांग के तट के किनारे समुद्र के स्तर में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। डीटीएम को एसएलआर परिदृश्यों के साथ एकीकृत करके, शोधकर्ता संभावित जलमग्न क्षेत्रों का अनुकरण कर सकते हैं और भविष्य में तटीय बाढ़ के प्रभावों का आकलन कर सकते हैं। यह जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करने में सक्षम बनाता है, जिससे लक्षित शमन उपायों को सुविधाजनक बनाया जा सके। जैसे भारत में तटीय क्षेत्रों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है, वैसे ही हांगकांग भी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है।
तूफान की लहरों और वर्षा पैटर्न जैसे अतिरिक्त चर को शामिल करके इन मॉडलों को परिष्कृत करने के लिए चल रहे अध्ययन किए जा रहे हैं। आगामी संवहन-अनुमति जलवायु मॉडलिंग (सीपीसीएम) कार्यशाला इन चुनौतियों का समाधान करेगी। यह उन्नति जलवायु-प्रेरित चुनौतियों के खिलाफ हांगकांग के लचीलेपन को बढ़ाती है, बुनियादी ढांचे और निवासियों की सुरक्षा करती है। यह प्रयास भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के प्रयासों के समान है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने पर केंद्रित है।