पृथ्वी के मेंटल में गहराई में मिला भूमिगत महासागर

Edited by: gaya ❤️ one

वैज्ञानिक खोज ने पृथ्वी की सतह के नीचे गहराई में पानी के एक विशाल जलाशय का खुलासा किया है। यह भूमिगत महासागर, जो लगभग 400 किलोमीटर (250 मील) गहरा स्थित है, ग्रह के भूभौतिकीय प्रणालियों की मौजूदा समझ को चुनौती देता है। पानी का विशाल भंडार पृथ्वी के मेंटल के भीतर मौजूद है, जो रिंगवुडाइट नामक खनिज के अंदर फंसा हुआ है। यह खनिज एक स्पंज की तरह काम करता है, जो अपनी क्रिस्टलीय संरचना के भीतर पानी को अवशोषित और बनाए रखता है। भूभौतिकीविदों ने भूकंपों द्वारा उत्पन्न भूकंपीय तरंगों का उपयोग करके छिपे हुए पानी का मानचित्रण करके इस घटना की पुष्टि की। विश्लेषण से पता चला कि रिंगवुडाइट युक्त मेंटल क्षेत्र से गुजरने पर ये तरंगें बदल गईं। इस खोज से पृथ्वी के समग्र जल चक्र का पुनर्मूल्यांकन होता है। इस पर्याप्त भूमिगत भंडार का अस्तित्व एक अधिक व्यापक चक्र का सुझाव देता है जिसके आयाम बहुत गहरे हैं। इस व्यापक चक्र को समझने से अन्य ग्रहों पर जल निर्माण तंत्र में भी अंतर्दृष्टि मिल सकती है। पृथ्वी के मेंटल में छिपे इस महासागर की खोज हमें ग्रह और इसकी आंतरिक प्रक्रियाओं की अपनी समझ पर पुनर्विचार करने के लिए आमंत्रित करती है।

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