भारत के बेंगलुरु में वनस्पतियों के संरक्षण में महत्वपूर्ण विकास हो रहा है। यह शहर, जो अपनी तकनीकी प्रगति के लिए जाना जाता है, अद्वितीय वनस्पतियों और जीवों के लिए भी एक आश्रय स्थल है। हाल की पहल क्षेत्र की जैव विविधता को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता को उजागर करती हैं।
कर्नाटक सरकार ने अप्रैल 2025 में भद्रा बाघ अभयारण्य का 28 वर्ग किलोमीटर तक विस्तार किया। इस विस्तार का उद्देश्य मानव-वन्यजीव संघर्षों को कम करना और संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देना है। ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) 15 साल के अंतराल के बाद पीपुल्स बायोडायवर्सिटी रजिस्टर को पुनर्जीवित कर रही है, जो शहर की शेष जैव विविधता को सूचीबद्ध करने के लिए महत्वपूर्ण है।
नागरिक विज्ञान पहल गति पकड़ रही है, जिससे निवासियों को शहरी वन्यजीवों की निगरानी करने का अधिकार मिल रहा है। येलाहंका के पास 153.4 एकड़ के आरक्षित वन में एक नया जैव विविधता पार्क बनाने की योजना है। संरक्षण विज्ञान पर छात्र सम्मेलन (SCCS) 22 से 25 सितंबर, 2025 तक बेंगलुरु में आयोजित किया जाएगा।
एक साल तक चले कैमरा-ट्रैप सर्वेक्षण में बेंगलुरु के बाहरी इलाके में अनुमानित 80-85 तेंदुए पाए गए। यह मुंबई की प्रलेखित तेंदुए की आबादी से अधिक है। ये प्रयास शहरी विस्तार के बीच अपनी अनूठी जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए बेंगलुरु के समर्पण को रेखांकित करते हैं।