अर्जेंटीना में हुए एक हालिया अध्ययन में, यूनिवर्सिडैड नैशनल डेल नॉर्डेस्ट (UNNE) में जैव रसायन की छात्रा सिल्वाना टोरिको के नेतृत्व में, तीन सिम्बोपोगोन प्रजातियों, जिन्हें आमतौर पर सिट्रोनेला के रूप में जाना जाता है, के एंटीमाइक्रोबियल गुणों की खोज की जा रही है। इस शोध का उद्देश्य इन पौधों के औषधीय उपयोगों के लिए वैज्ञानिक प्रमाण प्रदान करना है।
UNNE से अनुदान द्वारा समर्थित टोरिको की परियोजना, Cymbopogon citratus (लेमनग्रास), C. winterianus, और C. nardus (दोनों सिट्रोनेला) पर केंद्रित है। शोधकर्ता इस क्षेत्र में एकत्र की गई इन प्रजातियों के आवश्यक तेलों और अर्क की फाइटोकेमिकल संरचना का विश्लेषण करेंगे, और इन विट्रो तकनीकों का उपयोग करके उनके एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों को सत्यापित करेंगे।
यह शोध विशेष रूप से प्रासंगिक है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध को एक प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य खतरा घोषित किया है। अध्ययन का उद्देश्य आवश्यक तेलों और अर्क को प्राप्त करने और संरक्षित करने के तरीकों को मानकीकृत करना है, जिससे संभावित रूप से नए चिकित्सीय एजेंटों का विकास हो सकता है। निष्कर्ष अर्जेंटीना के पूर्वोत्तर में औषधीय वनस्पतियों की समझ में योगदान करेंगे।